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Bhandari Vaastu Consultancy वास्तु विषय की सार्थकता | Bhandari Vaastu Consultancy | Indian Vaastu | Vaastu Shastra | Hyderabad | India

वास्तु के रहस्य और अंधविश्वास

प्रश>>: आमदनी होने के बावजूद भी आर्थिक तंगी और परिवार के सदस्यों के आपस में अनबन रहती है। हमारे पंडित ने समस्याओं से निवारण तथा खुशहाल जीवन व्यतीत करने के लिये मकान में ग्रह-दोष निवारण यंत्र तथा श्रीयंत्र स्थापित करवाया था, लेकिन हमें उसका कोई नतीजा क्यो नहीं मिला? कृपया हमारी समस्याओं का समाधान बताये।

उत्तर: उत्तर-ईशान में स्थित बोरवेल आपकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना रहा है, लेकिन मकान के पूर्व में स्थित सीढ़ियाँ, पश्चिम में स्थित सेप्टिक टैंक तथा पूर्व की अपेक्षा पश्चिम में ज्यादा खुला स्थान होने के कारण मान-हानि तथा आर्थिक उन्नति में रुकावट पैदा हो रही है। मकान के पश्चिम में स्थित सेप्टिक टैंक का वायव्य के शयन-कक्ष के पश्चिम-नैत्र+त में आना, इस शयन-कक्ष के उपयोगकर्ता के लिये दुष्परिणाम दायक हो रहा है। रसोई-घर के उत्तर-ईशान में गैस का चूल्हा रखने के कारण धन-हानि होने के साथ ही गृह-कलह का वातावरण बन रहा है।

मकान के पूर्व में स्थित सीढ़ियाँ, रसोई-घर के ईशान में आने के कारण गृहणी के जीवन में कष्टप्रद परिस्थितियाँ पैदा होती है। चारदीवारी के दक्षिण-नैत्र+त, मकान के पश्चिम-नैत्र+त तथा रसोई-घर के उत्तर-वायव्य में स्थित दरवाजे, मकान में प्रवाहित होने वाली सकारात्मक ऊर्जा में न्यूनता तथा नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में वृद्धि कर रहे है।

ग्रह-दोष निवारण यंत्र तथा श्रीयंत्र स्थापित करके, मकान में व्याप्त वास्तु-दोषों के दुष्परिणामों से निवृत्ति प्राप्त करना और खुशहाल जीवन व्यतीत करने की कल्पना करना हास्यास्पद ही लगता है। वास्तु-दोषों से समाधान प्राप्त करने के नाम पर मकान में यंत्र स्थापित करके समस्याग्रस्त इंसान को सिर्फ बहकाया जा सकता है, क्योंकि किसी भी यंत्र में मकान में व्याप्त वास्तु-दोषों के कारण पैदा होने वाली नकारात्मक ऊर्जा के दुष्परिणामों को समाप्त करने की शक्ति नहीं होती है।

अगर वास्तव में यंत्रो से किसी भी तरह का फायदा मिल सकता है, तो फिर आज-तक आपको क्यो नहीं मिला? समस्याओं से समाधान प्राप्त करने के नाम पर इस तरह के उपायो पर अमल करना, सिर्फ स्वयं को दिगभ्रमित करना मात्र है। इस तथ्य का अहसास आप स्वयं कर चुके हैं। आपकी समस्याओं से समाधान तथा खुशहाल एवं समृद्धिदायक जीवन व्यतीत करने के लिये अपेक्षित फेरबदल:-

  • मकान के पूर्व में स्थित सीढ़ियों को तोड़कर, मकान के पश्चिम-नैत्र+त में स्थित खुले स्थान में नयी सीढ़ियाँ बनाने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है।
  • रसोई-घर के उत्तर-ईशान में रखे गये गैस के चूल्हे को, रसोई-घर के आग्नेय कोने में इस तरह से स्थानान्तरित करे कि खाना पकाते समय गृहणी का मुँह पूर्व दिशा की तरफ रहें।
  • पश्चिम में स्थित सेप्टिक टैंक को मिट्टी से भरकर बंद करके, वायव्य कोने से थोडी जगह छोड़कर छोड़कर, उत्तर-वायव्य में नया सेप्टिक टैंक इस तरह से बनाये कि यह नव-निर्मित सेप्टिक टैंक वायव्य के कमरे के उत्तर-वायव्य के हिस्से तक ही आये।
  • ईशान में कर्ण रेखा को छोड़कर, चारदीवारी तथा कर्ण-रेखा के नजदीक, पूर्व-ईशान में एक नया भूमिगत पानी का टैंक बनायें।
  • चारदीवारी के दक्षिण-नैत्र+त, मकान के पश्चिम-नैत्र+त तथा रसोई-घर के उत्तर-वायव्य में स्थित दरवाजों को, चारदीवारी के दक्षिण-आग्नेय, हाल के उत्तर-ईशान तथा रसोई-घर के उत्तर में स्थानान्तरित करे।
  • रसोई-घर के दक्षिण में एक नया दरवाजा तथा दक्षिण-आग्नेय में एक नयी खिड़की लगाये।
  • हाल को मेहमान कक्ष तथा नैत्र+त के कमरे को मुख्य शयन-कक्ष के लिये उपयोग करे।

वास्तु के रहस्य और अंधविश्वास, इन दोनों के तुलनात्मक नतीजों का अहसास आपको उपरोक्त फेरबदल करवाने के पश्चात हो जायेगा। वास्तु-परिवर्तन करके सुखद परिणाम प्राप्त करना या फिर यंत्रो के नाम पर अंधविश्वास के अंधेरों में भटकना? सही निर्णय लेने के लिये आप स्वतंत्र है, जो आपके स्वयं के निर्णय लेने के विवेक पर निर्भर है।